ये पदार्थ तामसिक प्रवृत्ति के माने जाते हैं, ऐसे में ब्राह्मण के कर्म के आधार पर भगवान से जुड़े रहने के चलते,येतामसिक प्रवृत्ति उसे उसके मार्ग से भटकाने का कारण बन सकती थी, इन्हीं कारणों के चलते ब्राह्मण प्याज व लहसुन नहीं खाते। बिना प्याज व लहसुन वाले शाकाहारी भोजन को सात्विक भोजन भी कहा जाता है।
फूड कैटगराइजेशन:
आयुर्वेद में खाद्य पदार्थों को तीन श्रेणियों में बांटा गया है - सात्विक, राजसिक और तामसिक। मानसिक स्थितियों के आधार पर इन्हें हम ऐसे बांट सकते हैं.
सात्विक Goodness : शांति, संयम, पवित्रता और मन की शांति जैसे गुण
राजसिक Passion : जुनून और खुशी जैसे गुण
तामसिक Ignorance : क्रोध, जुनून, अहंकार और विनाश जैसे गुण
पौराणिक कथा: ऐसे समझे कारण
समुद्र मंथन के बारे में तो हम सभी ने सुना है। समुद्र मंथन के दौरान जब समुद्र से अमृत का कलश निकाला गया था, तो भगवान विष्णु सभी देवताओं को अमरत्व प्रदान करने के लिए अमृत बांट रहे थे,उसी दौरान एक राक्षस भी उनके बीच आकर बैठ गया, ऐसे में गलती से भगवान ने उन्हें भी अमृत पिला दिया था लेकिन जैसे ही देवताओं को इस बात का पता चला तो विष्णुजी ने अपने सुदर्शन चक्र से राक्षसों के धड़ से उनके सिर को अलग कर दिया। लांकि जब तक उनका सिर धड़ से अलग हुआ तब तक अमृत की कुछ बुंदें उनके मुंह के अंदर चली गई थी, ऐसे में उनका सिर व घड़ दोनों राहु और केतु नाम से अमर हो गए।
विष्णुजी द्वारा जब उन पर प्रहार किया गया तो खून की कुछ बुंदे नीचे गिर गई थी और उन्हीं से प्याज और लहसुन की उत्पत्ति हुई और यहीं वजह है कि इन्हें खाने से इंसान के मुंह से गंध आती है। हालांकि इसके पीछे कुछ वैज्ञानिक कारण भी है जैसे कि आयुर्वेद में खाद्य पदार्थो को तीन श्रेणियों में बांटा गया है सात्विक, राजसिक, तामसिक। बता दें कि प्याज ओर लहसुन को राजसिक और तामसिक में बांटा गया है।
ये तामसिक चीजें मनुष्य में कुछ केमिकल सिक्रिएशन्स को बढ़ावा देते हैं जिससे उत्तेजना बढ़ाने वाले हार्मोन्स शरीर में ज्य़ादा प्रवाह होते है। अब यदि इसी बात को आध्यात्म से जोड़े तो उत्तेजना से आध्यात्म के मार्ग पर चलने में समस्या उत्पन्न होती है, जिससे एकाग्रता बाधित होती है और संयम क्षमता का नाश होता है। इसी कारण सनातन धर्म में प्याज,लहसुन जैसी तामसिक चीज़ों के सेवन पर मनाही है। ये पूर्ण रूप से वैज्ञानिक है और इसी विज्ञान को आध्यात्म से जोड़ा गया है।
As Sadguru said in one of his videos on the same topic, that these foods affect our nervous system. And because of that we lost our capacity to understand things, whether good or bad. They work as medicine if not used regularly. So, it should not be used in excess quantity.
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